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  • इंदरगढ़ कस्बे की आंगनबाड़ी भगवान भरोसे, लटके रहते हैं ताल
    मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के बेटा- बेटियों को लेकर इतनी संवेदनशील है कि हर साल करोड़ों अरबों रुपए खर्च करती है। ताकि बच्चों की देखरेख, पोषण आहार शिक्षा आदि हर गरीब के बच्चों को मिल सके। सरकार के महिला बाल विकास मंत्रालय के द्वारा शहर की हर वार्ड से लेकर गांव-गांव तक आंगनबाड़िया संचालित की जा रही है। जिससे गर्भवती महिलाओं को समय पर सलाह दी जा सके एवं उन्हें उचित आहार दिया जा सके। लेकिन कुछ आंगनबाड़ी संचालिकाओं द्वारा आंगनवाड़ी केवल फॉर्मेलिटी के लिए खोली जाती है एवं राज्य सरकार से मिलने वाला पोषण आहार सहित अन्य प्रकार की सामग्रियों को तितर-बितर कर दिया जाता है

आपको बता दें कि दतिया जिले के इंदरगढ़ कस्बे के अंदर संचालित ज्यादातर आंगनबाड़ीयां बंद रहती हैं। संचालिकाओं द्वारा फॉर्मेलिटी के रूप में कभी कभार कुछ समय के लिए खोला जाता है। जिसकी शिकायत स्थानीय लोगों के द्वारा कई बार वरिष्ठ अधिकारियों से भी की गई लेकिन आज दिनांक तक कोई सुनवाई नहीं की गई उक्त समस्याओं को लेकर जव हमारे इंदरगढ़ संवाददाता कामरेड रहमत के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर देखा गया तो स्थिति वही थी जैसा कि उन्हें जानकारी मिली थी। अधिकतर आंगनवाड़ी बंद मिली।जव आंगनबाड़ी संचालकों से इस संदर्भ में पूछा गया तो वह सही तरीके से जवाब भी नहीं दे पाई।

  1. जव हमारे संवाददाता द्वारा इंदरगढ़ परियोजना अधिकारी से फोन पर बात की गई तो महोदय ने बताया कि अगर आंगनबाड़ियों अधिकतर बंद रहती हैं तो मैं इसकी जांच करवाता हूं और दोषी पाए जाने वाली संचालिकाओ को नोटिस दिया जाएगा।

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