ग्राम पंचायत सचिव का कारनामा, शासन को पहुंचाई करोड रुपए की राजस्व हानी
इतने बड़े अपराध पर भी कलेक्टर ने सचिव पर क्यो नही कराया धोखाधड़ी का मामला दर्ज
सचिव के घर एक दर्जन से अधिक पंचायतों के मिले डोंगल,कलेक्टर ने महज निलंबित कर छोड़ा
भिण्ड 05 अगस्त। जिले की लहार तहसील के ग्राम पंचायत जमुहाँ के सचिव के घर से करीब एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों के डोंगल, सील, केश मेमो मिले थे।जिसको कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने स्वमं छापामार कार्यवाही कर सचिव के घर से सभी सामान को सचिव की मौजूदगी में जप्त किया था लेकिन सोचने वाली बात यह है कि कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने सचिव को महज निलंबन की कार्यवाही कर छोड़ दिया जबकि देखा जाए तो इस पूरे मामले में सचिव पर धोखाधड़ी जैसा संगीन अपराध पंजीबद्ध होना चाहिए था लेकिन महज निलंबन की कार्यवाही से अन्य इस प्रकार का कार्य कर रहे सचिवो के हौसले बुलंद हो गए हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि अगर यह सचिव बच सकता है तो हम भी बच सकते हैं।क्योकि सचिव सभी पंचायतों के फर्जी बिल लगाकर राजस्व को करोड़ों रुपए की चपत लगा रहा था।जबकि इसकी कई शिकायतें विभाग को मिल चुकी थी।दरअसल भिण्ड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव मंगलवार को मिहोना तहसील में जनसुनवाई कर रहे थे जनसुनवाई के दौरान जमुहां ग्राम पंचायत सचिव संतोष विश्वकर्मा के घर से ही पंचायत के कार्यों का संचालन करने और दो दर्जन से अधिक पंचायत के सचिवों का काम कर फर्जी बिल तैयार करने की शिकायत मिली। यहीं नहीं बल्कि, फर्जी मेमो पर भुगतान करवाने के साथ पंचायत का डोंगल भी उपयोग कर सचिव द्वारा फर्जी काम दिखाकर हर साल करोड़ों रुपए का शासन को चूना लगाने की शिकायत प्राप्त हुई।इस मामले को कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए लहार के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सचिव के घर लहार के पचपेड़ा तिराहे पर छापा मारा।जिसमें सचिव द्वारा अपने मकान के अंदर ही कंप्यूटर सेट लगाया पाया गया।इसके अलावा सचिव कंप्यूटर सेट के माध्यम से ही करीब दो दर्जन से अधिक पंचायत का काम करता था।जिसपर छापामारी के दौरान कलेक्टर ने 15 से अधिक सचिव और सरपंचों की सील जब्त की हैं। साथ ही कैश मेमो और कई डोंगल इसके अतिरिक्त कई पंचायत का हिसाब-किताब का लेखा जोखा भी जप्त किया।काम को लेकर गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने पंचायत सचिव संतोष विश्वकर्मा को निलंबित करने का आदेश दिया है।लेकिन जनता में यह घटना चर्चा का विषय बन गई है।कि इतना बड़ा गंभीर अपराध होने के बाद भी ऐसी क्या मजबूरी रही भिण्ड कलेक्टर की उन्होंने सचिव पर F.I.R. नहीं कराई,जबकि जनता का कहना है की ऐसे लोगो पर कार्यवाही न होने से इस प्रकार का कार्य कर रहे सचिवो का हौसला बढ़ता,लेकिन एक तरफ लोगो का यह भी कहना है कि भिण्ड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव साफ एवं निष्पक्ष छवि के अधिकारी है उम्मीद यह भी लगाई जा रही हैं कि जल्द ही कलेक्टर की पहल पर सचिव पर मामला दर्ज किया जाएगा।