दुनिया है दो दिन का मेला- के साथ संपन्न हुआ सन्त परमानंद* *जी का स्मृति दिवस
संत परमानंद जी के 21 वे स्मृति दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में संत परमानंद जी के आध्यात्म ,संगीत साधना व जनकल्याणकारी कार्यों पर चर्चा हुई वहीं राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ ।
विगत 20 वर्षों से निरंतर आयोजित होने बाले इस कार्यक्रम में अध्यक्ष के रूप में अंतरराष्ट्रीय कवि डॉ अरविंद श्रीवास्तव ‘असीम ‘ ने अपने गीत-‘दुनिया है दो दिन का मेला’ के द्वारा संत परमानंद जी के जीवन दर्शन को व्यक्त किया वहीं मुख्य अतिथि के रूप में संतोष श्रीवास्तव’ विद्यार्थी’ सागर ने संत जी को ‘संत में गृहस्थ और,गिरही में संत थे वो’ निरूपित किया। विशेष अतिथि के रूप में श्रीमती अर्चना ,डॉ रमेश कटारिया ‘पारस’ ग्वालियर ,श्री दिनेश शर्मा इंदौर श्री बलराम सोनी विशिख झांसी श्री रविंद्र सोनी मोंठ, श्रीमती ज्योति जलज, हरदा मध्य प्रदेश ने समाज व देश को दिशा देने वाली रचनाओं का पाठ किया तथा संत परमानंद जी पर अपने विचार रखे। आमंत्रित कवियों में श्री शिवचरण सरस, श्री सी .पी. पटसारिया , दिल शेर दिल, दतिया सरदार धर्मवीर सिंह डबरा अर्चना जोशी भोपाल व श्री राम स्वरूप साहू’स्वरूप’ कल्याण मुम्बई ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं का पाठ किया ।इस आॅन लाइन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में काव्य प्रेमी तथा संत परमानंद जी के अनुयाई पूरे समय जुड़े रहे। कार्यक्रम के संयोजक श्री जितेंद्र गौतम ‘गुरु’ ने संत परमानंद जी को संगीत व आध्यात्मिक क्षेत्र में एक अद्भुत व्यक्तित्व तथा उच्च कोटि का संत निरूपित किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन संगीतकार व साहित्यकार रवि भूषण खरे ,दतिया ने किया। कार्यक्रम के अंत में आयोजक अरविन्द हर्ष के पिता श्री नाथूराम हर्ष ने सभी रचनाकारों सहभागिता करने वाले का आभार व्यक्त किया।सभी अतिथियों तथा सहभागियों को डिजिटल सम्मान प्रदान किया गया ।