नशा शारीरिक और आर्थिक पतन की ओर ले जाता है – डॉ. बनारसी भाई माउंट आबू
विकृत सोच का परिणाम है नशा – डॉ. प्रताप मिड्ढा माउंट आबू
ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग के द्वारा राष्ट्रीय अभियान मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत के के अंतर्गत “मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर” अभियान का शुभारम्भ रविवार 04 दिसंबर 2022 के श्री शीतला सहाय सभागार में हुआ।
यह कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज़ मेडिकल विंग, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं कैंसर हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के सयुंक्त तत्वाधान में हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से माउंट आबू से बी.के. डॉ. प्रताप भाई जी (डायरेक्टर ग्लोबल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर माउंट आबू एवं वाइस प्रेसिडेंट मेडिकल विंग), बी.के. डॉ. बनारसीलाल भाईजी (सेक्रेटरी मेडिकल विंग ब्रह्माकुमारीज़ माउंट आबू), बी.के. डॉ. गोमती अग्रवाल, बी.के. रंजू , बी. के. मनीषा बहन (माउंट आबू), डॉ. राहुल सप्रा(अध्यक्ष IMA), डॉ. ब्रजेश सिंघल(सेक्रेटरी IMA), मेंटल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. संजय लहारिया, कैंसर हॉस्पिटल के निदेशक श्री बी आर श्रीवास्तव, डॉ अजीत सिंह (डायरेक्ट बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च ग्वा.) श्री कमल मखीजनी (पूर्व जिलाध्यक्ष भा.ज.पा.) ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी, बी.के. डॉ. गुरचरण सिंह और ब्रह्माकुमार प्रह्लाद भाई उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ ।
तत्पश्चात डॉ. राहुल सप्रा ने सभी को स्वागत उद्बोधन दिया और कहा कि राजयोग मेडिटेशन से दुनिया में शांति स्थापित करने का बहुत श्रेष्ठ कार्य यह बहनें कर रहीं हैं। समाज में आज ऐसे कार्यों की जरूरत है। ये बहनें देश के साथ विदेश में भी हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रचार-प्रसार करने का कार्य कर रही हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इस अभियान के जुड़कर हर कार्यक्रम में ग्वालियर क्षेत्र में सभी को बेसिक लाइफ सपोर्ट की ट्रेनिंग देगी साथ ही व्यसन मुक्त अभियान में पूरी तरह से सहयोग बनेगें।
कार्यक्रम में डॉ. गोमती अग्रवाल सभी को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान समाज में व्यसनमुक्ति जनजागृति का अभियान चला रही है जो समय की जरूरत है।
डॉ. बी.आर श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि जो लोग नशा करते है उन्हें पता है कि यह हमारे लिए नुकसान दायक है फिर भी वह करते है क्योंकि कई लोग इसे स्टेटस सिंबल मानते है।
उन्होंने एक व्यक्ति का उदाहरण देकर बताया कि कैसे उसके बच्चे ने नशा छोड़ने में उसकी मदद की।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पहले 60 वर्ष से ऊपर की उम्र के व्यक्ति मुख के कैंसर का इलाज कराने आते थे। लेकिन आज 30 वर्ष के व्यक्ति को भी मुख का कैंसर हो जाता है। उसका कारण है कि आज छोटी उम्र के बच्चे सुपारी का सेवन करते है बाद ने वही उनकी आदत बन जाती है। मुझे विश्वास है कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था जो प्रयास कर रही है उसका रिजल्ट बहुत अच्छा होगा।
कार्यक्रम में माउंट आबू से मेडिकल विंग के सेक्रेटरी बी.के. डॉ. बनारसी भाई ने कहा कि वर्ष 1985 में ब्रह्माकुमारीज द्वारा मेडिकल विंग की नींव रखी गई थी। तब से लेकर मेडिकल विंग समाज की सेवा में समर्पित है। इन वर्षों में मेडिकल क्षेत्र में आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य को लेकर कई प्रयोग भी किए हैं जो सफल रहे हैं एवं इनसे कई लोगों की गंभीर बीमारियां ठीक हुई हैं। एक कैड प्रोग्राम हार्ट रोगियों के लिए शुरू किया गया है। इसके तहत प्रशिक्षण लेकर अब तक करीब 8 हजार हृदय रोगी राजयोग मेडिटेशन, नियमित व्यायाम और संतुलित दिनचर्या को अपनाकर पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं। इसके अलावा विंग द्वारा नशामुक्ति, हेल्थफेयर जैसे कई प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। मेडिकल विंग द्वारा चलाए गए विभिन्न अभियानों से प्रेरणा लेकर अब तक 12 लाख से अधिक लोग नशामुक्त हो चुके हैं जो संस्थान के लिए गौरव की बात है।
व्यसन न केवल व्यक्ति को बल्कि पूरे समाज को आर्थिक, शारीरिक रूप से पतन की ओर ले जाता है।
इससे हमें हर हाल में अपने को बचाना है
ऐसे नेक कार्यों में हम सभी को आगे आना होगा।
मेन्टल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ संजय लहारिया ने इस अभियान को एक आंदोलन के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि हमें हमारे अंदर विद्यमान सभी विकृति से मुक्ति पानी ही है। तो इसमें आध्यात्म हमें बहुत मदद करेगा क्योकि आध्यात्म का ज्ञान हमें खुद से जोड़ता है।
ब्रह्माकुमारीज द्वारा समाज में उत्कृष्ट कार्य किए जा रहे हैं। लोगों को नेक राह पर चलने का संदेश दिया जा रहा है। ऐसे अभियानों से लोगों को नशे से दूर रहने की प्रेरणा मिलती है।
मुझे खुशी है कि इस तरह के अभियान में मुझे शामिल किया । मैं हर तरह से सहयोगी रहूंगा।
ब्रह्माकुमारीज़ आदर्श दीदी ने सभी को अभियान से संबंधित सभी जानकारियों से अवगत कराते हुए कहा कि यह अभियान एक सप्ताह में 50 से भी अधिक कार्यक्रम स्कूल, कॉलेज, शासकीय,अशासकीय संस्थाओं, बस्ती, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में कार्यक्रम होंगे साथ ही एक व्यसन मुक्ति की प्रदर्शनी का एक गाड़ी तैयार की है जिससे अनेको को संदेश मिलेगा।
डॉ. प्रताप मिड्ढा (डारेक्टर ग्लोबल हॉस्पिटल माउंट आबू) ने व्यसन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया कि नशा और कुछ नहीं हमारी नकारात्मक सोच का ही परिणाम है। नशे की शुरुआत हमारे गलत विचारों, नकारात्मक विचारों, विकृत सोच से ही शुरु होती है। किसी भी तरह का नशा करने के बाद कुछ समय के लिए हमारे माइंड में जो संदेशवाहक कोशिकाएं हैं वह शांत हो जाती हैं, अपना संदेश देना माइंड को बंद कर देती हैं और हमें लगता है कि नशे से हमें आनंद आ रहा है। जबकि हकीकत ये है कि इससे हमारी माइंड की पावर ही कम होती है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजयोग मन के लिए एक औषधि की तरह है ।
डॉ अजीत सिंह ने कहा कि हम शुरुआत अपने घर से करें कि हम अपने परिवार के सदस्यों किसी भी हालत में नशा नही करने देंगे।
इस अवसर पर कमल मखीजानी सहित सभी वक्तओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के अंत मे माउंट आबू से पधारी बी.के. मनीषा बहन ने सभी को राजयोग ध्यान का अभ्यास कराया।
इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
मंच का कुशल संचालन बी.के. डॉ गुरचरण भाई के द्वारा किया गया तथा आभार डॉ. ब्रजेश सिंघल ने किया।
कार्यक्रम में बी.के. जीतू, बी.के. पवन, बी.के.सौरभ, बी.के. विजेंद्र सहित अनेकानेक सेवाधारी उपस्थित रहे
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