जिसकी शिकायत पीड़ितों ने सहायक सचिव हरि ओम व्यास व पंचायत सचिव अजीत सिंह से मौखिक रूप में की। लेकिन नतीजा वही निकला जो हमेशा निकलता आया सचिव अजीत सिंह राजावत के द्वारा बाढ़ पीड़ितों को डरा धमका कर चुप करा दिया गया जिससे दुखी एवं आहत होकर ग्रामीणों के द्वारा श्रीमान एसडीएम महोदय लहार के समक्ष न्याय हेतु गुहार लगाई ग्रामीणों की गुहार को सुनते हुए श्रीमान एसडीएम महोदय ने तुरंत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार को पुनः जांच कराने हेतु कहा जिस पर मुख्य मुख्य कार्यपालन अधिकारी लहार के द्वारा एक सर्वे दल नियुक्त कर जांच कराई गई। उच्च अधिकारियों के जांच दल ने जो जांच प्रतिवेदन पेश किया उसमें ग्राम पंचायत सचिव अजीत सिंह द्वारा की गई जांच गलत पाई गई। वही पीड़ित ग्राम वासियों ने श्रीमान कलेक्टर महोदय से मीडिया के माध्यम से गुहार लगाई है कि जो पंचायत सचिव पीड़ितों को उनका हक दिलाने में भी पक्षपात करता हो ऐसे सचिव पर दंडात्मक कार्रवाई करते हुए निलंबित किया जाना चाहिए
पंचायत सचिव अजीत सिंह के द्वारा फर्जी ग्राम सभा दर्शा कर बनाई गई बाढ़ पीड़ितों की रिपोर्ट
ग्रामीणों के द्वारा फर्जी ग्राम सभा की शिकायत पर वरिष्ठ अधिकारियों ने की जांच
मामला- ग्राम पंचायत बरहा में बाढ़ पीड़ितों की सर्वे रिपोर्ट का
*चंबल आचरण*
*लहार /शिव सिंह कुशवाह*
भिंड/ लहार 27 अगस्त 21। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन कुछ सचिवों की तानाशाही एवं पक्षपाती रवैया के चलते सरकार के द्वारा दी जाने वाली सहायता, बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंच पा रही है। ऐसा ही मामला भिंड जिले की जनपद पंचायत लहार से निकल कर आ रहा है।
आपको बता दें कि बाढ़ में ग्राम पंचायत बरहा के कई परिवारों की गृहस्ती का सामान सहित मकान नष्ट हो गए, लेकिन पंचायत सचिव अजीत सिंह की उदासीनता एवं फर्जी ग्राम सभा के कारण कई परिवारो को छोड़ दिया गया था। सचिव अजीत सिंह राजावत के द्वारा बनाई गई सर्वे रिपोर्ट में पक्षपात करते हुए कई परिवारों को छोड़ दिया गया था