भोपाल :- भोपाल की विशेष अदालत (धन शोधन निवारण अधिनियम 2002) ने आठ साल पुराने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद वन विभाग हरदा में रेंजर अधिकारी के पद पर पदस्थ रहे हरि शंकर गुर्जर और उसकी पत्नी सीमा गुर्जर को दोषी करार देते हुए विशेष न्यायाधीश डा. धर्मेन्द्र टाडा की कोर्ट ने तीन-तीन सला के कारावास सहित -हजार 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया है।
जानकारी के अनुसार 1 जनवरी 1988 से 14 जुलाई 2009 तक की हरि शंकर गुर्जर वन विभाग, में रेंज अधिकारी के पद पर नियुक्त रहे। पद पर रहने के दौरान उनके द्वारा अन्य तरीको से 42 लाख 9 हजार 692 रुपये की आय अर्जित की गई थी,
लेकिन उन्होनें 1 करोड़ 28 लाख से अधिक की रकम खर्च की थी। जॉच मे सामने आया कि 85 लाख 99 हजार 380 रुपये की रकम उनकी आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक थी,
जबकि वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से थे। लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (1) (ई) और 13 (2) के तहत दंडनीय अपराध के लिए प्राथमिकी में दर्ज किया गया था। उन्होनें वन विभाग में रेंजर के रूप में अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग करके यह धन अर्जित किया था।
उसकी आय के ज्ञात स्त्रोतो से अधिक आय की जानकारी वह जॉच के दौरान संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। अन्य तरह से कमाई गई रकम से उन्होनें अपने और अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदी थी।
उनकी सीमा ने दावा किया की यह पैसा ब्यूटी पार्लर और हैंडीक्राफ्ट के कारोबार से अर्जित किया और इस तरह से अपने पति के अवैध धन को कानूनी आय के रूप में साबित करने का प्रयास करते हुए पति की गलत कमाई को अपनी आय से जुड़ी गतिविधि बताकर जानबूझकर अपने पति की सहायता की।