स्वामी आंनद स्वरूप के द्वारा पिछडे वर्ग के प्रति की गई अमर्यादित टिप्पणी,ओबीसी महासभा ने FIR दर्ज कराने के लिए पुलिस अधीक्षक को दिया ज्ञापन
ग्वालियर 03 अक्टूबर। ग्वालियर हाई कोर्ट में संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की मूर्ति की स्थापना को लेकर जो विवाद उत्पन्न हुआ था वह अभी थमा भी नहीं था कि अब एक और नया विवाद मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि ओबीसी आरक्षण के विरोध में स्वामी आनंद स्वरूप के द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो अपलोड करते हुए ओबीसी वर्ग के तमाम नेताओं सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के संदर्भ में अशोभनीय एवं अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया गया है जिससे ओबीसी महासभा सहित संपूर्ण ओबीसी वर्ग में आक्रोश व्याप्त है। जिसके चलते ओबीसी महासभा के द्वारा 3 अक्टूबर को ग्वालियर एसपी को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में स्वामी आनंद स्वरूप पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है और यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि प्रशासन के द्वारा स्वामी आनंद स्वरूप पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो ओबीसी महासभा पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी।
ग्वालियर पुलिस अधीक्षक को ओबीसी महासभा के द्वारा दिए गए आवेदन में बताया गया है क दिनांक 02/10/2025 को स्वामी आंनद स्वरूप द्वारा अपने सोशल मीडिया एकाउन्ट के टवीटर, फेसबुक पर, पिछडे वर्ग, आरक्षण एवं पिछडे वर्ग के विभिन्न दलों के नेताओं के खिलाफ अशोभनीय, अमर्यादित भाषा का वीडियो डाला है जिसमें समाज एवं समुदाय को आपस में लडाने एवं वर्ग संघर्ष कराने का आनन्द स्वरूप के द्वारा उकसाया जा रहा है। जिससे समाज का सद्भाव व भाईचारा खत्म करने का प्रयत्न किया जा रहा है जिससे ओबीसी वर्ग में काफी रोष है। पूर्व में भी भारत के संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर एवं संविधान के विरूद्ध कई बार अशोभनीय व्यान देता है जो कि देश द्रोह की श्रेणी में आता है। ऐसी दशा में स्वामी द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में द्ववेश एवं सामाजिक द्विवेशता फैलाना आपराध की श्रेणी में आता है। जिसको लेकरओबीसी महासभा मांग करता है कि विरोधी संविधान मध्य प्रदेश में उग्र आन्दोलन करेगी। ओबीसी महासभा के द्वारा ग्वालियर पुलिस अधीक्षक को दिए गए ज्ञापन के समय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य एडवोकेट धर्मेंद्र सिंह कुशवाहा, एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया जी सहित सैकड़ो ओबीसी महासभा के कार्यकर्ता मौजूद रहे।