भू माफियाओं के सामने नतमस्तक, इंदरगढ़ नगर प्रशासन?
इंदरगढ़/ दतिया। इंदरगढ़ नगर विकास से पीछे होने का क्या कारण है? क्यों प्रदेश की अन्य नगर पालिकाओं से पीछे है, नगर पालिका इंदरगढ़। इंदरगढ़ नगर परिषद का गठन शायद नाम मात्र के लिए किया जाता है, लेकिन वास्तविकता तो यह है कि नगर परिषद भू माफियाओं के सामने नतमस्तक होती हुई नजर आती है। क्योंकि नगर में अधिकतर शासकीय भूमि पर, भू माफियाओं ने कब्जा कर रखा है। भू माफियाओं का राजनीतिक वर्चस्व इतना है, कि उनके द्वारा अतिक्रमण की गई भूमि को मुक्त कराने में असफल होती हुई नजर आ रही है नगरपालिका इंदरगढ़।
आपको बता दें कि पूर्व नगर परिषद के द्वारा सब्जी मंडी को लेकर दिनांक 30/07/18 एक प्रस्ताव पास किया गया था जिसमें सब्जी मंडी को लेकर सारी फॉर्मेलिटी या पूरी कर ली गई थी केवल काम चालू होना बकाया था लेकिन भू माफियाओं का भाग यहां पर भी काम दे गया क्योंकि मंडी का काम शुरू होने से पहले ही नगर परिषद इंदरगढ़ प्रशासन के आधीन आ गई थी।लेकिन आज दिनांक तक सब्जी मंडी का कार्य शुरू नहीं हो पाया। इससे तो यही साबित होता है कि सब्जीमंडी की भूमि पर अतिक्रमण करे बैठे हुए भू माफियाओं का बस इतना है कि नगर परिषद नतमस्तक नजर आ रही है
पूर्व नगर पालिका द्वारा पास किया गया प्रस्ताव:-
प्रकरण प्रस्तुत हुआ प्रकरण का अवलोकन सभी सदस्यों द्वाराकि या गया। निकाय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 05 में स्थित सब्जीमण्डी का नवीन निर्माण कराये जाने हेतु डी.पी.आर. तैयार कराई गयी है। डी.पी.आर. अनुसार सब्जीमण्डी का निर्माण कराये जाने पर होने वाले व्यय रु…लाख निकाय निधि से कराये जाने की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाती है। तकनीकी स्वीकृति हेतु प्रस्ताव कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर की ओर भेजा जावे। तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होने पर निविदायें आमंत्रित की जावें सम्पूर्ण कार्यवाही हेतु अध्यक्ष महोदय एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी को अधिकृत किया जाता है। संकल्प सर्व सम्मति से पारित किया जाता
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