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इंदरगढ़ नगर के भ्रष्टाचार की खबरों को प्रकाशित करने का हुआ असर, पार्षदों ने दिये इस्तीफा

इंदरगढ़ नगर के भ्रष्टाचार की खबरों को प्रकाशित करने का हुआ असर, पार्षदों ने दिये इस्तीफा

चम्बल आचरण की खबरों का हुआ असर

इंदरगढ़। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पुनः सत्ता में आने के लिए इतनी लालायित है कि प्रदेश की जनता को कई प्रकार के प्रलोभन दिए जा रहे हैं। लेकिन प्रदेश की शिवराज सरकार के सारे प्रलोभन का प्रदेश की जनता पर कोई असर होता हुआ नजर नहीं आ रहा है, तो दूसरी ओर शिवराज सरकार के कुछ अधिकारी जो बेलगाम होकर हिटलर शाही तरीके से काम को लेकर सरकार की किरकिरी कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जो अधिकारी सरकार की किरकिरी कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं उन्हीं में से एक हैं दतिया जिले की इंदरगढ़ नगर परिषद के सीएमओ महेंद्र यादव, जो अपने पद की महिमा ही भूल बैठे और नगर की जनता की समस्याओं को दूर करने के बजाए लगे रहते हैं कुछ लोगों की चापलूसी करने में। जिसका नतीजा यह निकला कि आज नगर के कुछ पार्षदों ने हताश होकर अपने पद से ही इस्तीफा दे दिया।

आपको बता दें कि इंदरगढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष गौरी रामस्वरूप मंडेलिया(भाजपा) एवं सीएमओ महेंद्र सिंह के खिलाफ भाजपा पार्षदों ने मोर्चा खोला और आज मंगलवार को दतिया कलेक्ट्रेट पहुंचकर जनसुनवाई में कलेक्टर संजय कुमार को आवेदन दिया… कई भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए।बिंदुवार 8 आरोप लगाए गए..ज्ञापन देने वालों में भाजपा पार्षद विनीता टिंकू राठौर, मंजू मनीषा परिहार, रामवती मेहताब परिहार वार्ड क्रमांक 15, अरविंद सिंह जाट, सुमित उपाध्याय, अखिलेश सेन, प्रेमवती चरणदास कैलारे भाजपा पार्षद, एवं एक कांग्रेसी पार्षद ने भी अपना समर्थन दिया…वार्ड क्रमांक 9 महिला पार्षद मंजू कुशवाह के पति मनीष कुशवाह भी साथ रहे… सभी पार्षदों ने आवेदन में लिखा कि नगर परिषद में हुए भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच कराई जावे…

भाजपा की नगर सरकार में भाजपा के पार्षदों के इस्तीफा, आखिर क्यों?

नगर इंदरगढ़ में इस समय भाजपा की नगर सरकार काम कर रही है। लेकिन इस समय सोचने वाली बात यह है कि आखिर क्या कारण है कि सत्ता पक्ष के पार्षदों द्वारा ही अपनी सरकार से पीड़ित होकर इस्तीफा देने पड़े। सत्ता पक्ष के पार्षदों द्वारा इस्तीफा देना कहीं ना कहीं नगर सरकार की कार्यप्रणाली पर स्पष्ट रूप से प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे हैं। क्योंकि जब नगर में सत्ता पक्ष के पार्षदों की ही सुनवाई नहीं हो रही है तो जनता की समस्याओं को कौन सुनेगा, जनता की आखिर कौन सुनेगा। इससे तो यही स्पष्ट होता है कि इंदरगढ़ नगर में “अंधेर नगरी चौपट राजा”कहावत सार्थक हो रही है

चम्बल आचरण की खबरों का हुआ असर

आपको बता दें कि नगर इंदरगढ़ में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर चंबल आचरण के द्वारा समय-समय पर खबरों के माध्यम से सरकार के संज्ञान में लाया गया। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया, उल्टा चंबल आचरण के जिला ब्यूरो रहमत खान जी को हर प्रकार से डराने की कोशिश की गई। यहां तक कि एक बार सीएमओ महेंद्र यादव के द्वारा दबंगई दिखाते हुए कैमरा भी छीन लिया गया था, लेकिन चंबल आचरण के द्वारा महेंद्र सिंह यादव की दबंगई से ना डरते हुए भ्रष्टाचार की खबरों को जनता के सामने लाने का काम बखूबी किया जाता रहा जिसका नतीजा यह निकला कि आज जनता एवं पार्षदों के सामने नगर पालिका अध्यक्ष गौरी रामस्वरूप मंडेलिया एवं सीएमओ महेंद्र यादव की सारी सच्चाई सामने आ गई, और सत्ता पक्ष के पार्षदों ने ही श्रीमान कलेक्टर महोदय के समक्ष इस्तीफा सौंप दिया

तो क्या इंदरगढ़ नगर सरकार होगी भंग, जनता को मिलेगा नया अध्यक्ष ?

अगर सूत्रों की माने तो नगर में इस समय यह चर्चा जगह जगह, चौराहों पर सुनी जा सकती है कि वर्तमान अध्यक्ष गौरी रामस्वरूप मंडेलिया की कार्यप्रणाली से नगर की जनता एवं पार्षद खुश नहीं है जनता एवं पार्षद चाहते हैं कि वर्तमान अध्यक्ष को हटाकर कोई नया अध्यक्ष चुना जाए, जिससे कि जनता की समस्याओं को समाधान कराया जा सके विश्वासनीय सूत्रों का तो यह भी कहना है कि हर हाल में वर्तमान अध्यक्ष का तो जाना तय है एवं नया अध्यक्ष नगर को मिलना भी एक तरह से पक्का है।

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