दतिया ब्यूरो- रहमत खान की रिपोर्ट
तो क्या दतिया प्रशासन तानाशाही रवैया से खत्म करवाना चाह रहा है आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आंदोलन ?
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी जा रही है तरह-तरह की प्रताड़नाएं
दतिया। मध्यप्रदेश में इन दिनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर कलम बंद हड़ताल पर हैं। उन्हें कहीं न कहीं एक उम्मीद है कि हमारे भाई प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी एक न एक दिन हमारी मांगो को जरूर पूरा करते हुए समस्त बहनों को तोहफा देंगे। लेकिन वहीं प्रदेश सरकार के कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की दबंगई इस कदर भी देखी जा रही है कि वह आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को धमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। तरह तरह के मैसेज एवं रिकॉर्डिंग कुछ ग्रुपों पर वायरल की जा रही हैं जिससे की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अंदर भय का माहौल पैदा हो जाए और वह जो आंदोलन कर रही हैं उसे खत्म कर दें।
लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं स्पष्ट रूप से चेतावनी दे चुकी है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक हम कलम बंद हड़ताल पर रहेंगी। तो वही दूसरी ओर जिले की कमान संभाल रहे आला अधिकारी भी हड़ताल को खत्म कराने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि जो अधिकारी हड़ताल को खत्म करवाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं क्या वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली सैलरी में वह खुद अपने परिवार का खर्चा चला सकते हैं और यदि हां तो कृपया ईमानदारी से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलने वाली सैलरी मैं एक महीने का अपने परिवार का खर्चा चला कर देखें। क्योंकि मोटी तनख्वाह पाने वाले अधिकारी क्या समझेंगे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की व्यथा
क्षेत्रीय विधायक कुंवर घनश्याम सिंह को दिया ज्ञापन
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा अपनी मांगों को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों को भी ज्ञापन दिए जा रहे हैं आपको बता दें कि कुछ समय पूर्व कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी ज्ञापन दिया जा चुका है उसी कड़ी में आज सेवड़ा विधायक कुंवर घनश्याम सिंह को भी अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया
आगामी विधानसभा चुनाव में बिगड़ सकता हैं भाजपा का चुनावी गणित
जिस तरह से प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आंदोलन उग्र रूप लेता जा रहा है उसको देखते हुए, कुछ जानकारों का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनावों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आंदोलन बिगाड़ सकता है भाजपा का चुनावी गणित। क्योंकि जिन बहनों के हक अधिकारों एवं सम्मान की बात करने वाले प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान कई वर्षों से सत्ता में है और आज वही बहने अपनी मांगों को लेकर रोड पर हैं तो इससे यही संकेत मिलते हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा का चुनावी गणित बिगड़ सकता है यदि समय रहते हुए सरकार के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रति उचित निर्णय नहीं लिया गया तो
यह भी पढ़ें:-
कांग्रेस पार्टी की नौजवान युवा संगठन एवं जिला अध्यक्ष रामकिंकर के नेतृत्व में निकाला गया मशाल जुलूस
झांसी रोड थाना के द्वारा गुर्जर समाज के लोगों पर की गई FIR पर उठते सवाल