गंदा पानी पीने को मजबूर शासकीय आदिवासी छात्रावास की छात्राए
ग्वालियर 20 नवंबर। मध्य प्रदेश सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना के तहत सरकार चाहे जितना भी खर्चा कर दे, लेकिन निचले स्तर पर बैठे अधिकारी/ कर्मचारियों की लापरवाही के कारण बेटी पढ़ाओ योजना की धज्जियां उड़ती नजर आ रही है।
आपको बता दें कि ग्वालियर जिले की घाटीगांव में संचालित शासकीय आदिवासी छात्रावास की स्थिति इतनी देयनी है कि वहां की छात्राएं गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं। जिससे किसी बीमारी का शिकार होने की भी डर बना रहता है। पानी की समस्या के अलावा अन्य समस्याएं जैसे कि वहां पर तैनात कर्मचारियों की तनख्वाह समय पर न मिलने का भी मामला सामने आया।
छात्रावास में तैनात सफाई कर्मी हेतराम ने बताया कि हमारा वेतन समय पर नहीं मिलता है हमें परेशान किया जाता है जिससे हम बहुत परेशान हैं।
उक्त मामले में सोचने वाली बात यह है कि शासन के द्वारा दिए जाने वाला फंडा आखिर कर जाता कहां है।
छात्रावास के अधीक्षक के द्वारा फंड को कहां पर और किस काम के लिए खर्च किया जाता है यह तो सोचने वाली बात है। क्योंकि जिस छात्रावास में पीने का पानी भी स्वच्छ ना हो एवं वहां पर तैनात कर्मचारियों की तनख्वाह भी समय पर नदी जा रही हो तो क्या इससे प्रदेश की शिवराज सरकार की महत्वकांक्षी योजना बेटी पढ़ाओ पूर्ण होगी ?
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