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हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है ?

हनुमान जयंती हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है जो हनुमान जी के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। यह त्योहार चैत्र महीने के शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो मार्च या अप्रैल महीने में पड़ता है।

हनुमान जी भगवान राम के अवतार थे और उन्हें भक्ति का प्रतीक माना जाता है। वे सन्तोष, धैर्य और शक्ति के प्रतीक होते हैं। हनुमान जयंती को भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।

इस त्योहार का इतिहास बहुत पुराना है। इसे मनाने की शुरुआत तुलसीदास के समय में हुई थी, जो रामायण के एक महान कवि थे। इस दिन को हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान शिव के अवतार भी थे। इस दिन को हनुमान जी की पूजा विधान के अनुसार मनाया जाता है, जिसमें भक्त उनकी मूर्ति के सामने लगते हैं और विभिन्न वस्तुओं से उनकी पूजा करते हैं।

हिंदू धर्म में हनुमान जी को बहुत महत्त्व दिया जाता है। उनके जीवन में उनकी साहस, शक्ति और वफादारी की गुणवत्ता की वजह से वे भगवान राम के साथ उनकी विजय में भी शामिल हुए थे।

हिंदू धर्म में हनुमान जी को सबसे पसंद किया जाता है, और उन्हें जनसाधारण से ज्यादा सम्मान दिया जाता है। हनुमान जयंती के अवसर पर, भक्त उनके गुणों और कार्यों की याद में उन्हें पूजते हैं और भजन गाते हैं। इस दिन को सम्पूर्ण भारत में खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इससे अलावा, हनुमान जी को रोगनिवारण के रूप में भी जाना जाता है। उनकी पूजा से रोगों से छुटकारा मिलता है और उन्हें शक्ति और सामर्थ्य मिलता है।

इस प्रकार, हनुमान जयंती हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार को भारत के विभिन्न हिस्सों में उत्साह के साथ मनाया जाता है और भक्त उनकी पूजा करते हैं और उनके गुणों की याद में भजन गाते हैं।

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