गढ़चिरौली:- महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में पुलिस को एक नक्सली को ढेर करने में कामयाबी मिली है।
इस नक्सली पर महाराष्ट्र सरकार ने दो लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। दरअसल हाल के दिनों में जिले के टोडगट्टा क्षेत्र में नक्सलियों ने स्थानीय आबादी को आंदोलन में शामिल होने की धमकी दी थी, जिसके बाद नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया गया था। पुलिस ने मौके से हथियार भी बरामद किए हैं।
पुलिस के मुताबिक, मुठभेड़ में 31 साल के नक्सली समीर उर्फ साधु लिंग मोहनदा की मौत हो गई। उस पर कई संगीन आरोप हैं। समीर साल 2014-15 में चटगांव दलम में सदस्य के रूप में भर्ती हुआ था।
उसके बाद 2017 से वह भास्कर के प्लाटून क्रमांक 2 में सुरक्षा गार्ड था और साल 2018 से वह कंपनी फोर में काम कर रहा था। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि वह वर्तमान में कंपनी नंबर 1 में काम कर रहा था।
टोडगट्टा क्षेत्र में नक्सलियों ने स्थानीय आबादी को आंदोलन में शामिल होने की धमकी दी थी। साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को उकसाने के लिए दमकोदवाही खनन के झूठे बहाने से सड़क निर्माण और अन्य विकास कार्यों के विरोध में पर्चे बांटे थे।
पुलिस को एक विश्वसनीय इनपुट था कि ग्रामीणों को डराने के लिए टोडगट्टा के पास नक्सलियों का बड़ा जमावड़ा मौजूद है और वे बड़े पैमाने पर घात लगाने और पुलिस दलों पर हमले की योजना बना रहे हैं।
इसका मुकाबला करने के लिए शनिवार तड़के सी- 60 कमांडो का एक नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया गया।
ऑपरेशन के दौरान ही 60 से 70 नक्सलियों के एक समूह ने जवानों को मारने और उनके हथियार लूटने के इरादे से बीजीएल और अन्य हथियारों का इस्तेमाल करते हुए जांभ्या गट्टा एओपी के हिकर वन क्षेत्र में अंधाधुंध गोलीबारी की
।
पुलिस की ओर से सरेंडर करने के लिए बार-बार कहने के बावजूद नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध फायरिंग जारी रखी। जवाबी कार्रवाई करने और लगभग एक घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद आखिरकार नक्सली पुलिस के बढ़ते दबाव को देखकर घने जंगल में भाग गए
। मुठभेड़ के बाद जब जवानों ने वन क्षेत्र में तलाशी ली तो घटना स्थल पर एक नक्सली का शव मिला, जिसकी पहचान समीर उर्फ साधु लिंग मोहनदा के तौर पर हुई।