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प्रशासन की अनदेखी के चलते प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री आवास को लगाया पलीता

ग्राम पंचायत ऊमरी में सरपंच-सचिव ने बनाए 40 प्रधानमंत्री आवास चढ़े भ्रष्टाचार की भेंट

चार आवास पर नही डाली क्षत, गिरने की हालत में सभी हितग्राहियों के आवास

दबंगों ने तोड़ दीं शौचालय, एक अधूरा बना था उसकी ईंट उखाडक़र ले गए चोर

गुना। देश के प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना के तहत प्रदेश सरकार एक ओर जहां हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है। वहीं दूसरी शासन-प्रशासन की लापरवाही के चलते सरपंच-सचिव उक्त योजना को पलीता लगाने में लगे हैं। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत ऊमरी में सामने आया है जहां हितग्राहियों के प्रधानमंत्री आवास की राशि निकालकर सरपंच-सचिव ने बंदरबांट करते हुए नाम मात्र के आवास बना दिए। जबकि यहां विशेष रूप से प्रशासन ने जगह आवंटित की थी। आवास बनाते वक्त कुटीरों का ना तो जनपद सीईओ और ना ही इंजीनियर ने निरीक्षण किया। इसके चलते सभी आवास भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए, क्योंकि आवास निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत सरपंच-सचिव थे। हितग्राहियों का तो सिर्फ नाम का खाता था उस राशि को निकलवाकर सरपंच सचिव डकारते गए। उस दौरान से लेकर आज तक किसी भी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नही पहुंचे, उनकी अनदेखी के चलते आज भी हितग्राही मूलभूत सुविधाओं से वंछित है।

दरअसल पूरा मामला ये है कि वर्ष 2016-17 में 40 आवास ग्राम पंचायत में स्वीकृत हुए थे। जिन्हें शासन-प्रशासन के प्रयास से एक ही जगह सभी आवास बनाने के उद्देश्य से जमीन आवंटित की। जमीन आवंटित होने के बाद से आज तक कोई भी वरिष्ठ अधिकारी ना तो मौके पर निरीक्षण करने गया और ना ही जांच करने। ऐसे में सरपंच-सचिव ने आवास बनाने के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया जो आज खुलेआम दिखाई दे रहा है। आवास इतने घटिया और गुणवत्ताहीन बनाए गए हैं जो कभी भी धराशायी हो सकते हैं, क्योंकि प्लर के सहारे खड़ी ईंटों की दर्ज उंगली लगाते ही धूल मिट्टी सी झड़ रही है, ऐसा लगता है कि सीमेंट नाम मात्र के लिए डाला हो। चार आवास की आज दिनांक तक छत ही नही डाली गई। एक मकान थोड़ा बहुत बना था उसकी ईंट सुरक्षा और अंधेरे के अभाव में असामाजिक तत्व उखाडक़र ले गए। कालोनी बनी है तभी से वहां सभी हितग्राही मूलभूत सुविधाओं से वंछित हंै, इसके चलते कालोनी में बसाहट नही हो पाई। कई बार उन्हें वहां से दबंगों ने भी खदेड़ा, मारपीट भी की, लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। कुछ शौचालय भी अधूरे पड़े हैं और जो बनाए गए थे वो दबंगों ने तोड़ डाले। अब सवाल ये है कि प्रधानमंत्री आवास के नाम पर महज खाना-पूर्ति की जा रही है और शासन-प्रशासन हितग्राहियों की समस्याओं पर ध्यान नही दे रहे। बिजली के अभाव में कालोनी में अंधेरा छाया हुआ है, सडक़, पानी की सुविधा भी नही है। इसके चलते सभी आवास खंडहर की कगार पर हैं। परेशान होकर कई बार हितग्राहियों ने जनसुनवाई में शिकायत की। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी पत्र भेजे गए, लेकिन आज दिनांक तक उन्हे कोई सुविधा मुहैया उपलब्ध नही हुई।

इन लोगों ने दिखाई रहने की हिम्मत:-

बुंदेलसिंह पाल, बलवीर पाल, कैलाश पाल, भागीरथ धाकड़, लल्लू कुशवाह, बल्लभ ओझा, कपिल ओझा, कश्मीरा साहू, तलीफ खान, बालू पाल आदि 9-10 लोग ही अपने-अपने आवास में रहते हैं जो सडक़, बिजली, पानी के अभाव में परेशान हैं। उक्त समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना, आवास बचाओ संघर्ष समिति ऊमरी के बैनर तले समाजसेवी नरेन्द्र भदौरिया समय-समय पर शासन-प्रशासन को अवगत कराते रहे हैं। इसके बावजूद भी आज दिनांक तक ना तो कोई जांच की गई और ना ही कोई सुविधा उपलब्ध करा गई।

यह है आवासों की स्थिति:-

आवास नम्बर 16 की छत नही डली जो गिरने की कगार पर है। इसी तरह आवास नम्बर 20 भूरेलाल वाल्मीकि, आवास नम्बर 27 विनोद प्रजापति, आवास नम्बर 31 विजय ओझा के आवास की स्थिति है। आवासों के बीच में पूर्व में भट्टा लगाए जाते थे यहां पानी की होदी यानि टैंक बना हुआ है। कुल मिलाकर पूर्व सरपंच संगीता बाई अजमेरसिंह भिलाला, सचिव जगदीश रघुवंशी और रोजगार सहायक जमनालाल साहू ने उक्त आवास निर्माण में मिलीभगत से हितग्राहियों को चूना लगाकर भारी भ्रष्टाचार किया है। प्रशासन अगर बारीकी से पूर्व पंचवर्षीय कार्यकाल की जांच कराए तो भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है। शिकायत मिलने पर विगत दिवस मीडियाकर्मी मौके पर पहुंचे जहां उन्होंने आवासों की स्थिति देखी तो वर्तमान में सभी के सभी आवास गिरने की कगार पर देखे गए

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