ग्वालियर 16 अक्टूबर। ग्वालियर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा डेंगू बुखार से बचने के लिए निम्न बिंदुओं पर एडवाइजरी जारी की है।
1-डेंगू एडीज नामक मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है। यह मच्छर हमारे घर व आस-पास साफ एवं रुके पानी में ही पनपता है। डेंगू का मच्छर सामान्यतः दिन में काटता है व उत्पत्ति स्थल के 400 मीटर के दायरे में सक्रिय रहता है तथा घरों में नमी व अधेरे वाले स्थानों में छुपकर विश्राम करता है।
2- हमारे घर, छत एवं आस-पास विभिन्न प्रकार के खुले पड़े जलपात्रों जैसे- पानी की टंकी, टायर, गमले, कूलर, मिटटी के दिये, छत, मटके, पाइप, गड्डे, मनी प्लांट के पॉट, प्लास्टिक की बोटल, कप, गिलास, टूटा फुटा सामान/खिलौने, कनस्तर व अन्य सामान में भरा -साफ पानी मच्छरों के पनपने के प्रमुख स्थान है। इनमें मच्छर अण्डे देते हैं इनसे 2-3 दिवस में लार्वा निकलता है 3-4 दिन बाद प्यूपा में बदलकर 3 दिन बाद मच्छर बनकर उड़ जाता है इस प्रकार 7 से 12 दिवस के भीतर मच्छर अपना उत्पत्ति चक्र साफ व रुके पानी में पूर्ण करते है।
अतः इनकी रोकथाम हेतु ऐसे समस्त जलपात्रों में भरा पानी शीघ्र खाली करें व नियमित रुप से 7 दिवस के भीतर जलपात्रों ने भरा पानी खाली करें।
3- एडीज मच्छर डेंगू मरीज को काटने पर संक्रमित होकर अन्य स्वस्थ्य व्यक्तियों को काटकर डेंगू बीमारी का प्रसार करते है और स्वस्थ्य व्यक्ति डेंगू से बीमार हो जाते है। डेंगू संक्रमित व्यक्ति को प्रारम्भिक लक्षण जैस- कमजोरी, तेज बुखार, सिर व हाथ पैर में दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं इसके पश्चात मरीज के शरीर/आंखों में रक्त के चकते दिखना या नाक, मसूड़े, या अन्य स्थान से रक्तस्राव होने व उल्टी के लक्षण दिखायी देते हैं। उपचार में विलम्ब से बीमारी की गभीरता में मरीज को चक्कर आना, मुर्छित होना या सौक में चले जाने की स्थिति बन सकती है। अतः उक्त लक्षण होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या चिकित्सक से परामर्श लेकर उचित उपचार लेना चाहिये।
4-डेंगू के लक्षण पाये जाने पर बिना चिकित्सकीय परामर्श के कोई भी दवा विशेषकर दर्द निवारक दवा का सेवन नहीं करना चाहिये। इससे मरीज गभीर भी हो सकता है अतः चिकित्सक से परामर्श उपरान्त ही उचित उपचार लेवें। बुखार होने पर पैरासीटामोल की दवा (उम्रानुसार उचित मात्रा में) ली जा सकती है। संभावित डेंगू के लक्षण होने पर झोलाछाप व अप्रशिक्षित / अवैध उपचार करने वालो से उपचार नहीं करावें इससे स्वास्थ्य स्थिति बिगड सकती है।
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5- डेंगू होने पर डरने व घबराने की अनावश्यक नहीं है ,अनावश्यक दवाओं व भ्रातियों से बचें व चिकित्सक अथवा अस्पताल में उचित उपचार लेवें।
6- जिले में डेंगू व चिकुनगुनिया की जांच जिला चिकित्सालय ग्वालियर व मेडीकल कॉलेज ग्वालियर में निःशुल्क की जाती है। संभावित रोगी तत्काल अपनी जांच करावे। ताकि समय पर डेंगू संक्रमण की पहचान कर उपचार किया जा सके व प्रभावित क्षेत्र में नियंत्रण की कार्यवाई की जा सके।
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7- जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज को पूर्ण उपचार के साथ फलों का रस, नारियल पानी, दाल का पानी, ओ.आर.एस, का घोल व पानी पर्याप्त मात्रा में पीने से शीघ्र लाभ मिलता है।
8- डेगू के प्रसार को रोकने व बचाव के लिये अपने घर व आस-पास अनावश्यक पानी जमा नहीं होने दें व खुली टंकियों को ढककर रखें, अनावश्यक कबाड का सामान नष्ट करें या उनमे पानी इकटठा न होने दें। सप्ताह में एक बार आवश्यक रुप से टंकी, मटके, कूलर व अन्य उपयोगी जलपात्रों में भरा पानी बदलें व जिन अनुपयोगी जलपात्रों का पानी नहीं बदल सकते उनमें मिटटी का तेल/खाने का तेल/गांडियों से निकला ऑयल डालने से मच्छर के लार्वा व प्यूपा नष्ट हो जाते है।
9- मच्छरों से बचाव के लिये हमें पूरे बांह के कपड़े पहनना चाहिए,दिन में मास्क्यूटो रिपेलेंट व गच्छररोधी क्रीम/ अगरबत्ती का उपयोग करना चाहिये तथा सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए ।
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10- डेंगू से बचाव की जानकारी आपस में अपने परिवार, मित्रों, रिश्तेदारों व सोसायटी को भी बताएं जिससे सभी जन स्वयं अपने घर व आस-पास डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर की उत्पत्ति को रोकने में अपना सहयोग दे सकें डेंगू की जानकारी व जन सहयोग से डेंगू के प्रसार को रोका जा सके।