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घनी आबादी के बीच संचालित हो रहे गैस गोदाम, रहवासियों को बना रहता है जान का खतरा

                    चंबल आचरण
         भिंड ब्यूरो /रमेश सिंह कुशवाह
                   मो.7974799714
 भिण्ड। जिले में घनी आबादी के बीच गैस गोदाम संचालित किए जा रहे हैं।जिनसे वहां रहने वाले लोगों को हमेशा अपनी जान का खतरा बना रहता है।बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा अपना ध्यान इस ओर केंद्रित नहीं किया जा रहा है।गौर करने वाली बात यह है कि इन गैस गोदामों के पास बड़े-बड़े स्कूल बने हुए हैं।जिनमें करीब हजारों की संख्या में बच्चे पढ़ते हैं लेकिन इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए यह गैस गोदाम सालों से संचालित किए जा रहे हैं।जिससे कभी भी बड़ा हादसा होने से कई जिंदगी खतरे में पड़ सकती हैं। नियमों की बात करें तो किसी भी गैस गोदाम को घनी आबादी के बीच एवं स्कूलों के नजदीक बनाने का नियम नहीं है।लेकिन जिले में यह सभी गोदाम बेखौफ तरीके से संचालित हो रहे हैं। नियमों की बात करें तो भारत पेट्रोलियम,इंडियन ऑयल या हिंदुस्तान पैट्रोलियम सभी के नियम यह है कि किसी भी गैस गोदाम को आबादी के बीच नहीं बनाया जाए लेकिन सोचने वाली बात यह है कि हर वर्ष यह जांच रिपोर्ट तैयार की जाती है लेकिन इस जांच रिपोर्ट में इस आबादी का जिक्र किए बिना ही रिपोर्ट बना दी जाती है।जिससे बच्चों पर एवं रहवासियों पर जान का खतरा बना रहता है यह छोटी सी लापरवाही किसी दिन बड़ा रूप ले सकती है।
 एजेंसी संचालकों ने उज्ज्वला योजना को बनाया मजाक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उज्जवला योजना चलाई जा रही है।जिससे यह गरीब परिवार को चूल्हे के धुए से निजात मिल सके और वह बारिश के मौसम में भी खाना बनाकर अपने बच्चों को एवं अपने परिवार को खिला सके लेकिन इन एजेंसी संचालकों की मनमानी के चलते इस उज्जवला योजना को मजाक बनाकर रख दिया है।कई उज्जवला योजना के आवेदन आने के बाद उनकी जांच किए बिना ही बीपीएल श्रेणी में ना होते हुए भी अपने परिचित के लोगों या लेनदेन करके उज्जवला योजना का कनेक्शन दे दिया जाता है।जबकि अगर जमीनी स्तर पर जांच की जाए तो कई मामले खुलकर सामने आ सकते हैं।जो कि बीपीएल की श्रेणी में ना होते हुए भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं।
 नहीं देखने को मिलती है खाद विभाग की इन एजेंसियों पर कार्रवाई
देखा जाए तो इन एजेंसियों की कई शिकायतें मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल 181 पर की जाती हैं।लेकिन इन शिकायतों पर गंभीरता ना दिखाते हुए अधिकारियों द्वारा कभी भी कार्यवाही देखने को नहीं मिलती है।जिसका भरपूर फायदा यह एजेंसी संचालक उठा रहे हैं।
उपभोक्ता द्वारा गोदाम से सिलेंडर लेने पर नहीं किए जाते साडे 19.50 रुपये कम
उपभोक्ता द्वारा गैस गोदाम से स्वयं सिलेंडर लेने पर ₹19 50 पैसे की किफायत का प्रावधान है लेकिन गोदाम पर उपभोक्ता से यह रुपए कम करने की बजाय 10 रुपये अधिक लिए जाते हैं अगर उपभोक्ताओं से संपर्क किया जाए तो सारा मामला खुद-ब-खुद सामने आ जाएगा।

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