चंबल आचरण
भिंड ब्यूरो /रमेश सिंह कुशवाह
मो.7974799714
भिण्ड। परिवहन अधिकारी अनुराग शुक्ला के आदेश पर यातायात प्रभारी रंजीत सिकरवार ने पूरे अमले के साथ सभी ई रिक्शा सहित चालकों को आरटीओ परिसर में एकत्रित किया। यह कार्रवाई 30 सितंबर गुरुवार को की गई। सभी ई रिक्शा चालकों को समझाते हुए जिला परिवहन अधिकारी अनुराग शुक्ला ने कहा कि आप सभी को अपने ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन कराना होगा जिस पर एक ई रिक्शा चालक ने पूछा कि इस रजिस्ट्रेशन को कराने में कितना खर्चा आएगा उन्होंने बताया सात हजार से करीब दस हजार का खर्चा आएगा। इस पर ही रिश्ता चालकों ने बताया कि साहब 2 साल से कोरोना महामारी के कारण खाने के भी लाले पड़ गए थे।अभी कुछ महीनों पहले ही काम शुरू हुआ है। जिससे दो वक्त का खाना जुटाना भी मुश्किल हो रहा है।जो कि पूरी तरीके से नहीं चल पा रहा है।लेकिन ऐसे समय में रजिस्ट्रेशन कराना बहुत मुश्किल है। बता दें कि जिले में करीब एक हजार से अधिक ई-रिक्शा चल रहे हैं।
जिले में करीब आधा दर्जन से अधिक है ई रिक्शा विक्रेता
बता दें कि जिले में करीब आधा दर्जन से अधिक ई रिक्शा विक्रेता है जिन पर बिना रजिस्ट्रेशन के ही ई-रिक्शा विक्रय का काम किया जा रहा है।लिहाजा जिला परिवहन अधिकारी अनुराग शुक्ला के सक्रियता ना होने के कारण विक्रेताओं पर कार्यवाही नहीं हो पा रही है।अगर इन पर कार्रवाई की जाती तो ई-रिक्शा रजिस्ट्रेशन करके ही विक्रय किए जाते जिससे आज इन चालकों को परेशान नहीं होना पड़ता।
समय पर किया जाता नियम लागू तो सभी ई-रिक्शा के होते रजिस्ट्रेशन
जिले में करीब एक हजार से पंद्रह सौ ई-रिक्शा चल रहे हैं।जब ई रिक्शा जिले में करीब 50 से 100 थे तभी यह नियम लागू किया जाता तो आज इतने ई-रिक्शा बिना रजिस्ट्रेशन के नहीं चल रहे होते। लेकिन परिवहन विभाग का हाल तो यही है कि जब जागे तभी सवेरा।
ई रिक्शा रजिस्ट्रेशन के चक्कर में कई घरों में नहीं जले चूले
ई रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई गुरुवार को सुबह से ही चालू कर दी गई थी जिसके कारण सभी ई-रिक्शा को परिवहन परिसर में खड़ा कर दिया गया था जिससे न सिर्फ सवारियों को तिल मिलाती हुई गर्मी में परेशान होना पड़ा बल्कि दिनभर काम ना होने के कारण कई ई रिक्शा चालकों के घर पर खाना तक नहीं पका जिससे ना सिर्फ चालक बल्कि बच्चे भी भूखे सोए। एकदम से दोहरी मार ने इन ई रिक्शा चालकों की कमर को तोड़ कर रख दिया है।