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जॉइंट खाताधारक को पता ही नहीं, पिरामल फाइनेंस ने बिना जांच किये कर दिया लोन स्वीकृत

                      अमित सिंह कुशवाह/भिण्ड

 भिण्ड 10 जनवरी। सरकार के कई सख्त नियमों के बावजूद भी फर्जीबाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है आलम यह है कि जॉइंट खाताधारक को पता भी नहीं चला और पिरामल फाइनेंस ग्वालियर द्वारा करीब 30 लाख का लोन स्वीकृत कर दिया गया

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बता दें कि भिंड निवासी अमित कुमार ने बताया कि पिरामल फाइनेंस ग्वालियर के कर्मचारियों के द्वारा लेनदेन कर बिना मुझे सूचना दिए हुए मेरा जॉइंट खाता खोलकर करीब 30 लाख से अधिक का लोन स्वीकृत कर दिया इतना ही नहीं पिरामल के कर्मचारियों के द्वारा मेरे न होने के बाबजूद हस्ताक्षर भी स्वीकृत कर दिए गए।

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इतना ही नहीं जब अमित द्वारा अपनी सिबिल रिपोर्ट चेक करबाई गई तब उसमें लोन नम्बर HLSA0008DB42 लोन दिखाई दिया लोन की रकम सुनते ही अमित के पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि वह लोन तीस लाख के करीब था।इस लोन की जांच के लिए जब अमित पिरामल फाइनेंस ग्वालियर के ऑफिस पहुंचे और उन्होंने इस लोन की छानबीन की तो वह लोन मिहोना थाने में पदस्थ महिला प्रधान आरक्षक बैच नंबर 1102 के नाम से आया जब इस मामले को लेकर अमित ने मैनेजर से बात की तो वह पूरे मामले को घुमाने में लग गया और तो और इस लोन से जुड़ी कोई भी जानकारी अमित को नहीं दी।

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अमित ने पुलिस महानिरीक्षक से की शिकायत/सूचना के अधिकार के तहत मांगी जानकारी

बता दे की जब पिरामल फाइनेंस वालों ने अमित को जानकारी देने से मना कर दिया तब अमित ने न सिर्फ वकील के जरिए पिरामिल फाइनेंस एवं उनके कर्मचारियों को नोटिस भिजवाया बल्कि पुलिस महानिरीक्षक से आवेदन के माध्यम से शिकायत भी की इसके अलावा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फर्जीबाड़ा किस चरम सीमा तक पहुंच गया है।

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जिस जॉइंट खाते के आधार पर पिरामल फाइनेंस के कर्मचारियों ने लॉन स्वीकृत किया उस खाताधारक को पता ही नहीं कि उसके नाम से कोई लोन चल रहा है और तो और उसके नाम से हस्ताक्षर भी हो गए और फर्जी मोबाइल नंबर भी डाल दिया गया जिससे खाता धारक तक कोई भी सूचना न पहुंचे।इस बारे में अमित ने कहा है कि यह बहुत ही गंभीर मामला है वह इस मामले को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक जाएंगे जिससे इस मामले का जल्द से जल्द समाधान हो सके।

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