रजिस्टार को प्राइवेट लड़को के द्वारा वसूली के मामले में किया गया था निलंबित
अमित सिंह कुशवाह/भिण्ड ब्यूरो
भिण्ड 07 मार्च। सरकारी कार्यालय में निजी लोगों के जरिए वसूली करने के आरोप में निलंबित किए गए लहार के प्रभारी उपपंजीयक (रजिस्ट्रार) अवनेश गुप्ता को सिर्फ पांच दिनों में ही बहाल कर दिया गया। कलेक्टर द्वारा 28 फरवरी 2025 को जारी निलंबन आदेश को 5 मार्च 2025 को निरस्त कर उन्हें पुनः पदस्थ किया गया है।
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बता दें कि चंबल आचरण समाचार पत्र में प्रकाशित खबरों के आधार पर आरोप था कि अवनेश गुप्ता निजी व्यक्तियों के माध्यम से अपने कार्यालय में अनियमित वसूली करवा रहे थे, जिससे सरकारी कार्यों की न सिर्फ गोपनीयता प्रभावित हो रही थी।बल्कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा था इसी के चलते उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था और 10 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया था।
लहार रजिस्ट्रार की जड़ें मजबूत, निलंबन के पांच दिन बाद ही कलेक्टर ने किया बहाल
हालांकि, निलंबन के पांच दिनों के भीतर ही कलेक्टर द्वारा यह आदेश वापस ले लिया गया और अवनेश गुप्ता को पूर्ववत पदस्थ कर दिया गया। प्रशासन द्वारा यह निर्णय कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए लिया गया, जिससे सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या निलंबन सिर्फ औपचारिकता थी?इतना ही नहीं इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासनिक कार्रवाई की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वास्तव में दोष सिद्ध हुआ था या फिर प्रभावशाली जड़ों के चलते मात्र पांच दिनों में बहाली संभव हो गई? स्थानीय स्तर पर इस फैसले को लेकर चर्चा तेज हो गई है।जिसके बाद लोगो का कहना है कि जिले में भ्रष्टाचार कभी खत्म नहीं हो सकता है।इसके अलावा अब देखना होगा कि उच्च प्रशासन इस मामले में क्या रुख अपनाता है और क्या आरोपों की विस्तृत जांच होगी या नहीं। फिलहाल, लहार रजिस्ट्रार अपनी पुरानी कुर्सी पर लौट चुके हैं और न सिर्फ सरकारी कामकाज पुनः पहले की तरह जारी हो गया है।बल्कि भ्रष्टाचार करने का एक और मौका मिल गया है।
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