प्रियंका ओझा/रौन
नॉर्मल डिलीवरी कराने के बहाने, स्टॉप करता है रुपए की मांग
अगर रुपए नहीं दिए तो नॉर्मल डिलीवरी होने वाली को भी भिंड कर दिया जाता है रेफर
आपको बता दें कि भिंड जिले का एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसा भी है जो किसी न किसी मुद्दे को लेकर हमेशा मीडिया की सुर्खियों में बना रहता है। जहां पर बगैर सेवा शुल्क के कोई भी डिलीवरी नहीं होती है…… जी हां हम बात कर रहे हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रौन की। जहां के कुछ स्टाफ के लोगों की राजनीतिक पकड़ होने के कारण शासकीय आदेशों की खुलेआम धनिया उड़ाई जा रही हैं।
जानकारी के अनुसार बता दे की ग्राम महायर निवासी हरिशंकर पुत्र बहादुर बघेल के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रौन के स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिंड को शिकायती आवेदन दिया गया है।
आवेदक के द्वारा बताया गया है कि मेरी पत्नी को डिलीवरी होनी थी… जिसके चलते रौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया, लेकिन वहां के स्टाफ के द्वारा पैसों की मांग की गई जिसमें मेरे द्वारा उन लोगों की कुछ मांग को पूरा कर दिया गया। लेकिन उसके बाद भी पैसों की मांग की जाती रही और स्टाफ के द्वारा लापरवाही पर लापरवाही बरती जाने लगी। जिसका खामियाजा हमें पुत्र की मौत के रूप में भुगतना पड़ा।
यहां पर सोचने वाली बात यह है कि किसी भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ को सेवा शुल्क न मिलने पर इतनी भी लापरवाही बरती जा सकती है।
अब देखना यह है कि जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया CMHO महोदय क्या पीड़ित को न्याय दिला पाएंगे या फिर राजनीतिक दबाव में हमेशा की तरह हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे
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