ग्वालियर – मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीष शर्मा ने बताया कि मंकीपॉक्स वायरस के कारण मनुष्य में सामान्यतः संक्रमण नहीं होता है, परंतु कुछ दुर्लभ प्रकरणों में Poxviridae Family के Orthopox virus genus में पाये जाने वाले मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण पाया गया है। भारत सरकार, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मंकीपॉक्स के संबंध में “Interim Advisory for IDSP SSUs in view of Monkeypox cases reported from a few Countries” जारी की गई है जो कि निम्नानुसार है :-
मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में पायी जाती हैं।
• मंकीपॉक्स के संक्रमित रोगी को सामान्यतः बुखार, रेश और लिम्फ नोड्समें सूजन पाई जाती है। कुछ रोगियों में चिकित्सकीय जटिलतायें (Clinical complications) हो सकती है।
• मंकीपॉक्स एक स्व-सीमित (Self-limited) संक्रमण है जिसके लक्षण सामान्यतः 2-4 सप्ताह में समाप्त हो जाते हैं। गंभीर प्रकरणों में मृत्यु दर 1-10% है।
मंकीपॉक्स वायसर पशुओं से मनुष्य में और मनुष्य से मनुष्य में भी फैल सकता है। उक्त वायरस कटी-कटी त्वचा. Respiratory tract या mucous membrane (आंख, नाक या मुँह) के माध्यम से शरीर मे प्रवेश करता है।
• संक्रमित पशु / वन्यपशु से मानव में वायरस का संचरण काटने, खरोचने, शरीर के तरल पदार्थ एवं घाव से सीधे अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क (जैसे दूषित बिस्तर contaminated bedding) के माध्यम से हो सकता है।
• मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण / संचरण मुख्य रूप से large respiratory deoplets के माध्यम से सामान्यतः पर लंबे समय तक निकट संपर्क से होता है।
वायरस शरीर से तरल पार्थ / घाव के सीधे संपर्क के माध्यम से और घाव के साथ अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से भी प्रसारित हो सकता है, जैसे संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़ों या लिनेन के माध्यम से।
• मंकीपॉक्स के लक्षण स्मॉलपॉक्स जैसे होते हैं। ऑर्थोपॉक्स वायरस से फैलने वाले स्मॉलपॉक्स संक्रमण 1980 में दुनिया भर में समाप्त घोषित कर दिया गया था मंकीपॉक्स स्मॉलपॉक्स की तुलना में कम गंभीर व कम संक्रामक बीमारी है।
● मंकीपॉक्स का Incubation period आमतौर पर 7-14 दिनों का होता है, लेकिन यह 5-21 दिनों तक हो सकता है और इस अवधि के दौरान व्यक्ति आमतौर पर संक्रामक नहीं होता है।
● संक्रमित व्यक्ति के चकत्ते दिखने से 1-2 दिन पहले तक रोग फैला सकता है। सभी चकत्तों से पपड़ी गिर न जाए रोगी तब तक संक्रामक बना रह सकता है।
वर्तमान परिदृश्य – दिनांक 21 मई 2022 तक UK, USA, Europe, Australia और Canada से मंकी पॉक्स के मामले सामने आए हैं जिनमें कोई मौत नही है। उक्त संक्रमण स्थानीय प्रसारण और अफ्रीकी देशों की यात्रा के कारण पाया गया है।
भारतीय संदर्भ – विभिन्न देशों से नए प्रकरणों का पता चलने से भारत में इस बीमारी के होने की संभावना है। मंकीपॉक्स के संभावित प्रकरणों की शीघ्र पहचान व निदान करते हुए आवश्यक गतिविधियाँ किये जाने हेतु NCDC, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्देशित किया गया है।
अनुशंसित लोक स्वास्थ्य गतिविधियाँ –
स्वास्थ्य सुविधाओं द्वारा निम्न व्यक्तियों को मंकीपॉक्स का संभावित प्रकरण माना जाये
1. जिन्हें बुखार के साथ rashes पाये जाये।
2. ऐसे व्यक्ति जिन्होंने पिछले 21 दिनों में किसी ऐसे देश की यात्रा की ।मंकीपॉक्स के प्ररकण की पुष्टि हुऐ अथवा संदिग्ध प्रकरण पाये गए हों।
3. पुष्ट या संदिग्ध मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क हुआ हो ।
सभी संदिग्ध प्रकरणों को चिन्हांकित (designated) स्वास्थ्य सुविधाओं में तब तक अलग रखा जाना चाहिये। सभी घावों पर त्यचा की एक नई परत बन जाने पर या उपचार करने वाले चिकित्सक द्वारा Isolation समाप्त करने का निर्णय लिये जाने पर ही स्वास्थ्य संस्था से डिस्चार्ज किया जाना चाहिये।
• ऐसे समस्त संभावित प्रकरण एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस ऑफीसर की निगरानी में रहेंगे।
ऐसे प्रकरणों का उपचार करते समय सभी infection control practices का पालन किया जायेगा। संभावित संक्रमण की स्थिति में मंकीपॉक्स वायरस परीक्षण के लिए प्रयोगशाला के sample में fluid
from vesicles, blood, sputumn शामिल है जिन्हें NIV Pune भेजा जायेगा।
• मंकीपॉक्स का प्रकरण पाये जाने पर Contact tracing की जायगी तथा 21 दिनों में रोगी के संपर्क में आये व्यक्तियों की पहचान की जायेगी।
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