नई दिल्ली :- देश की राजधानी में हर रोज लोगों की एक जगह से दूसरे स्थानों की आवाजाही को सुनिश्चित करने में दिल्ली परिवहन निगम के क्लस्टर बसों की भूमिका काफी अहम है।

इससे हर दिन हजारों यात्री दिल्ली के एक कोने से दूसरे कोने तक आवागमन करते हैं, लेकिन हाल ही में कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद तीन क्लस्टरों के 330 बसों को सड़कों से हटा लिया गया है,
जिसके बाद से उन बसों के ड्राईवर और कंडक्टरों के सिर पर बेरोजगारी की तलवार लटक गई है। इस बात को लेकर क्लस्टर बसकर्मियों में असंतोष चरम पर है।
नाराजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ये लोग सुनहरी पूला डिपो पर सरकार के फैसले के खिलाफ प्रोटेस्ट भी कर चुके हैं।
क्लस्टर बसों के ड्राईवरों का आरोप है कि न केवल उन्हें नौकरी से हटा दिया गया बल्कि उनकी बकाया सैलरी भी अभी तक नहीं दी गई है।
इसका नतीजा यह निकला कि बसकर्मियों के लिए घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है।
पीड़ित बसकर्मियों का कहना है कि डीटीसी के अधिकारी उन्हें लगातार यही आश्वासन दे रहे हैं कि एक-दो दिन में समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन 10 दिन से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
ऐसे में कुछ कर्मीं तो मायूस हो कर अपने गांव लौट गए हैं, तो कुछ नए काम की तलाश में जुट गए हैं। वहीं, कुछ इस उम्मीद में है कि शायद उन्हें फिर से यह काम मिल जाए।