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                     रेखा कुशवाह/संभागीय ब्यूरो 

महिला का पति मारपीट कर करता है पैसे की मांग, कर रहा है मानसिक प्रताड़ित

       मामला लहार अनुभाग के मिहोना थाना क्षेत्र का

भिण्ड 29 जनवरी। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चाहे जितने ही प्रयत्न क्यों न कर ले एवं योजनाएं क्यों न चला लें लेकिन प्रदेश सरकार की बहनों पर अत्याचार एवं उनका उत्पीड़न होना कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कोई न कोई बहन, पति या फिर सास ससुर के द्वारा प्रताड़ित होने पर आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठा रही हैं।

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आपको बता दें कि ऐसा ही एक मामला भिण्ड जिले के लहार लहर अनुभाग से निकलकर सामने आ रहा है जहां पर पति, सास, ससुर द्वारा मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़नाएं मिलने पर महिला ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई। पीड़ित महिला के द्वारा मिहोना थाना प्रभारी को दिए गए आवेदन में बताया है कि मुझ प्रार्थिनी किरण देवी कुशवाह पत्नी अखिलेश कुशवाह एवं पुत्री जानकी प्रसाद कुशवाह का विवाह दिनांक 27/04/2015 को हिंदू रीति रिवाज के अनुसार मिहोना निवासी अखिलेश कुशवाह पुत्र स्वर्गीय गप्पू कुशवाह के साथ हुआ था।

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जिसमें ससुराल पक्ष को मेरे पिताजी के द्वारा आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद नगदी के अलावा दान दहेज दिया गया था। लेकिन शादी के कुछ समय बाद मेरे पति अखिलेश एवं व सास रामबेटी देवी, देवर अतुल कुशवाह व बड़े ससुर रामप्रकाश के द्वारा मुझसे तीन लाख रुपए एवं एक मोटरसाइकिल की और मांग की जाने लगी। कहने लगे की अपने पिता से तीन लाख रुपए एवं एक मोटरसाइकिल की व्यवस्था और करवाइए अन्यथा मैं तुझे रखूंगा नहीं। उक्त बात को जब मेरे द्वारा अपने पिता व रिश्तेदारों से कहा गया तो हमारे पति अखिलेश कुशवाह व सास रामबेटी,देवर अतुल कुशवाह, बड़े ससुर रामप्रकाश को नागबार गुजर गया और वह हमारे साथ मारपीट करते हुए मानसिक प्रताड़नाएं देने लगे। श्रीमान एक बार तो प्रार्थिनी को पूर्ण मारने की भी कोशिश की गई थी लेकिन समाज के कुछ रिश्तेदारों के द्वारा समझा कर मामला शांत करवा दिया गया था।

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कुछ समय उपरांत हमने एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम कृष्णा है और वह अभी 8 वर्ष का  है। लेकिन जब एक वर्ष बाद बेटी कुसुम (7 वर्ष) को जन्म दिया तो हमारे ससुराल पक्ष के सभी लोगों का हमारे प्रति बर्ताव बदल गया और हमें प्रताड़नाएं देने लगे। जिस पर रिश्तेदारों के द्वारा पुनः हमारी ससुराल पक्ष को समझाया गया कि आज के समय में बेटी बेटा दोनों समान है। लेकिन जब हमने छोटी बेटी लक्ष्मी (2 वर्ष) को जन्म दिया तभी से ससुराल पक्ष के द्वारा हमें और अधिक मानसिक प्रताड़नाएं एवं शारीरिक प्रताड़नाएं मिलने लगी‌। एवं हमारे पति एवं सास, देवर व बड़े ससुर के द्वारा हमारे साथ मारपीट भी की जाने लगी, यहां तक की ससुराल पक्ष की राजनीतिक पहुंच होने के कारण हमारे पिता एवं  प्रार्थिनी को झूठे केशों में फंसा देने की भी धमकियां दी जाने लगी।

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उन लोगों की एक ही मांग है कि अपने पिता से दोनों बच्चियों के पालन पोषण मैं जो खर्च हो रहा है वह तू अपने बाप से हर माह दिलवा अन्यथा अपने बाप के पास चली जा। अगर तुम ऐसा नहीं करेगी तो इसका परिणाम भुगतना होगा। श्रीमान दोनों पक्षों के कुछ रिश्तेदारों के समझाने के बावजूद भी हमारे पति एवं बड़े ससुर व सास और देवर की हैवानियत कम नहीं हुई और आए दिन मुझ प्रार्थिनी के साथ मारपीट करने लगे, मुझे भूखा भी रखने लगे यहां तक की हमें दो बार जान से मारने की कोशिश भी की गई।

अब देखना है कि स्थानीय प्रशासन पीड़ित महिला को न्याय दिला पता है या फिर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होगी पीड़िता

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