भोपाल:- आबकारी विभाग ने भोपाल जिले की 87 शराब दुकानों के लिए 971 करोड़ रुपए राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया था। अभी तक केवल 17 दुकानें ही बिकी हैं।
इसमें सरकार को 107 करोड रुपए का राजस्व मिलेगा।नई आबकारी नीति में शराब दुकानों के आहतों को समाप्त कर दिया गया है। शराब विक्रेताओं ने एक सिंडिकेट बना लिया है।
वह निर्धारित राशि से लगभग 25 फ़ीसदी कम पर,शराब के ठेकों को देने का दबाव सरकार के ऊपर बना रहे हैं।शराब माफिया द्वारा जो सिंडिकेट बनाया गया है। वह लगातार आहता बंद होने के कारण भारी नुकसान होने की बात कर रहा है।सरकार के कुछ मंत्री और शराब माफिया के कुछ लोग लगातार संपर्क में हैं।
भोपाल के शराब माफिया सिंडीकेट ने ठेकों को लेकर,पर्याप्त दबाव सरकार के ऊपर बना लिया है। सूत्रों के द्वारा यह कहा जा रहा है, कि आबकारी विभाग पिछले वर्ष की तुलना में 20 फ़ीसदी कम राशि पर ठेका दे सकता है। इसके लिए उच्च स्तर पर बातचीत चल रही है। नया वित्तीय वर्ष शुरू होने में लगभग 11 दिन बचे हैं। अतः सरकार को इस मामले में जल्द ही निर्णय लेना होगा।
सरकार और शराब ठेकेदारों के बीच में यदि कोई सहमति नहीं बनी, तो शराब के ठेके आबकारी विभाग खुद भी चलाने की दिशा में निर्णय ले सकता है। यह संभावना भी जताई जा रही है।