भिण्ड। हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार कुंवार नवरात्र का विशेष महत्व बताया गया है कुंवार नवरात्र शुरु होते ही कई भक्तगण देवी मंदिर एवं घरों पर जवारे बोकर माता को प्रसन्न करने के लिए 9 दिन तक व्रत रखते हैं तत्पश्चात नवरात्र के आखिरी दिन जवारे माता पर चढ़ा कर अपना व्रत तोड़ कर अपनी आस्था को पूरा करते हैं लेकिन भारत के विभिन्न क्षेत्रों में माता को खुश करने का एक अनूठी ही प्रथा देखने को मिलती है। कई जगह माता को खुश करने के लिए लोहे की सांग पहनकर भक्तगण अपनी आस्था का प्रतीक देते हैं। बता दें कि नवरात्र के आखिरी दिन शहर के विभिन्न देवी मंदिर स्थलों से सोमवार को नवमी पर जवारा जुलूस निकाला गया। सिर पर जवारे रखकर महिलाएं सबसे आगे चलती रही। इस दौरान जगह जगह लोहे की सांग छेदकर भक्तों ने मां के जयकारे लगाए। बाद में जवारों को तालाबों में विसर्जित किया गया। नौ दिन तक व्रत रहने वाले भक्तों ने अपना व्रत तोड़ा।अखिल भारतीय धोबी महासंघ के भिण्ड जिला अध्यक्ष रवि वर्मा के अनुसार कस्बे के विभिन्न मार्गों से जवारा जुलूस निकाला गया। विभिन्न मार्गों से होते हुए जवारा जुलूस उदोतपुरा के बड़ी माता मंदिर पर सम्पन्न हुआ। रवि वर्मा के अनुसार कस्बे में परंपरागत तरीके से जवारा जुलूस निकाला गया।गांव के समीप प्रसिद्ध मंदिर पर करीब आधा घंटे तक सांग छेदन का प्रदर्शन चलता रहा। जिसमें श्याम सिंह कुशवाह ने करीब चार सांग छेदन कराकर माता को प्रसन्न किया।सोमवार को निकाले गए जवारा जुलूस में भक्तों की भारी भीड़ रही। भक्तों ने जवारा खोटकर एवं माता की भेंट गाकर अपना नौ दिवसीय व्रत तोड़ा।
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